आज दिनांक 13 फरवरी 2017, दिन - सोमवार को मेरे पूज्य बड़े पिता जी के सुपुत्र - श्री 'विजय जी देशमुख' (बड़े भैया) ने नागपुर (महाराष्ट्र) से मेरे लिए ''व्हील चेयर'' लाकर दिया | और मेरी अपनी विकलांग एवं सुनी जिंदगी में खुशियों के रंग भर दिए | इसके लिए मैं अपने बड़े भाई 'विजय जी देशमुख' को तहे-दिल से बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद देता हूँ| जिसने मेरे [विकलांगता] संघर्ष से भरे हुए जीवन को जीने की एक नई राह दी प्रशस्त की हैं |
अब इस 'व्हील चेयर' की मदद से मैं अपने घर में सभी कमरों में घूम सकता हूँ | बाहर घर के आंगन में, आस-पास, भी घूम सकता हूँ |इस 'व्हील चेयर' की सहायता से मैंने दिनांक 16 फरवरी 2017, दिन-गुरूवार को पहली बार अपने घर के आंगन में घूमा , बाद में अपने घर के नीचे में स्थित खेत में जाकर अपने नेत्रों से घर का सुंदर दृश्य देखा | मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने दिनांक 06 जनवरी 2012 , दिन- शुक्रवार से पांच साल बाद 16 फरवरी 2017 को अपने धर का दृश्य देखा | मैं 'राजकुमार देशमुख' पुनः अपने बड़े भाई ' श्री विजय जी देशमुख' को तहे-दिल से बहुत-बहुत सप्रेम हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ | और अपने इष्ट देवता से प्रार्थना करता हूँ कि भैया जी अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बिना किसी बाधाओं एवं संकटो के आगे बढते रहें | और हमेशा तरक्की की राह पर चलते रहे |'भगवान' से विनती करता हुँ कि भाई के जीवन में हमेशा खुशियों की वर्षा (बरखा) होती रहे | हमेशा विजय भैया जी के जीवन खुशियाँ ही खुशियाँ हो | भैया का संपूर्ण जीवन स्वस्थ एवं निरोगी रहे | इनका भविष्य हमेशा उज्जवल हो | ईश्वर हमेशा विजय भैया की समस्त वांछित एवं शुभ मनोकामनाएं पूरी करे ! धन्यवाद......!